श्राद्ध तर्पण विधि Pitru Tarpan Mantra: आपको श्राद्ध सामग्री लिस्ट PDF की पूरी जानकारी विस्तार से प्रदान करेंगे। जैसा की आप सभी जानते ही हैं, की हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पितृ पक्ष को हम लोग श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जानते है। पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होती है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष रहता है।
Contents
Pitru Tarpan Vidhi in Hindi PDF download
आर्टिकल | पितृ तर्पण विधि pdf download |
श्राद्ध पक्ष शुरू | |
श्राद्ध सामग्री लिस्ट pdf |
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श्राद्ध पक्ष समाप्त | |
पितृ तर्पण का महत्व | पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हेतु श्राद्ध व तर्पण |
श्राद्ध कर्म विधि pdf download | Shraddh Vidhi in Hindi PDF |
Shradh Date List 2022 Download
तर्पण तिथि (Date ) | श्राद्ध (Pitru Paksha) |
10 सितंबर 2022 | पूर्णिमा श्राद्ध, भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा |
11 सितंबर 2022 | द्वितीया का श्राद्ध |
12 सितंबर 2022 | तृतीया का श्राद्ध |
13 सितंबर 2022 | चतुर्थी का श्राद्ध |
14 सितंबर 2022 | पंचमी का श्राद्ध |
15 सितंबर 2022 | षष्ठी का श्राद्ध |
16 सितंबर 2022 | सप्तमी का श्राद्ध |
18 सितंबर 2022 | अष्टमी का श्राद्ध |
19 सितंबर 2022 | नवमी श्राद्ध |
20 सितंबर 2022 | दशमी का श्राद्ध |
21 सितंबर 2022 | एकादशी का श्राद्ध |
22 सितंबर 2022 | द्वादशी (सन्यासियों का श्राद्ध) |
23 सितंबर 2022 | त्रयोदशी का श्राद्ध |
24 सितंबर 2022 | चतुर्दशी का श्राद्ध |
25 सितंबर 2022 | अमावस्या का श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या |
pitru tarpan mantra in sanskrit pdf
पितृ पक्ष में हम अपने पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हेतु पितर संबंधित कार्य करते हैं। जिसमे में पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है।
- दादी के तर्पण का मंत्र
दादी को तर्पण देते समय ‘गोत्र का नाम लें गोत्रे पितामां दादी का नाम देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः,तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः’ मंत्र का जाप करें. इसके साथ आप ‘(गोत्र का नाम लें) गोत्रे पितामां (दादी का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः,तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः’ का जाप करें. - पिता के तर्पण का मंत्र
पिता को तर्पण देते समय आप गंगा जल में दूध, तिल, जौ मिलाकर तीन बार जलांजलि दें. ध्यान दें कि जल देते समय मन में कहें वसु रूप में मेरे पिता जल ग्रहण करके तृप्त हों. इसके साथ ही गोत्र का नाम लेकर ‘गोत्रे अस्मतपिता (पिता जी का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः’ मंत्र का जप करें. - माता के तर्पण का मंत्र
माता को तर्पण देते समय मन में स्मरण करते हुए माता को तर्पण देते समय अपने गोत्र का नाम (माता का नाम) ‘देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः’ मंत्र का जाप करें. इसके साथ ही आप (गोत्र का नाम) ‘गोत्रे अस्मन्माता (माता का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः’ मंत्र का भी जप करें. - पितृ गायत्री मंत्र
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।
ओम् देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
श्राद्ध सामग्री लिस्ट pdf
- रोली
- सिंदूर
- छोटी सुपारी
- रक्षा सूत्र
- चावल
- जनेऊ
- कपूर
- हल्दी
- देसी घी
- माचिस
- शहद
- काला तिल
- तुलसी पत्ता
- पान का पत्ता
- जौ
- हवन सामग्री
- गुड़
- मिट्टी का दीया
- रुई बत्ती
- अगरबत्ती
- दही
- जौ का आटा
- गंगाजल
- खजूर
- केला
- सफेद फूल
- उड़द
- गाय का दूध
- घी
- खीर
- स्वांक के चावल
- मूंग
- गन्ना।